Wednesday, May 25, 2016

बुलावा

ये ज़िन्दगी बेज़ार है आज ।
किस्से सुनायेंगे फिर कभी ।।
मौत ने फ़ेहरिस्त भेजी है आज ।
खुदा का बुलावा फिर कभी ।।

Saturday, May 21, 2016

कभी-कभी

कभी- कभी लगता है जैसे इन आँखों में आँसूओं की भरमार है ।
और फिर कभी- कभी ये आँखे उन्ही आँसूओ की जिद्दोजहत करता है ।
कभी-कभी ये अकेलापन काटने को दौड़ता है मुझे ।
और फिर कभी-कभी ये दिल वही सूनापन ढूंढता है ।
कभी-कभी इस तन्हाई से ऊब जाता हूँ मैं ।
और फिर कभी-कभी इस से सच्चा दोस्त कोई नहीं होता ।
पर ये कभी-कभी हर वक़्त जाने आता क्यों नहीं ?
मेरे दिल के जज्बातों को जाने समझाता क्यों नहीं ?

Sunday, May 15, 2016

इक ग़ज़ल कह दूँ तुम्हे

इक ग़ज़ल कह दूँ तुम्हे कोई,
या तेरी आँखों को पढ़ लूँ,
तेरे होठों से निकले है जो लफ़्ज,
उन्हें अपने दामन में समेट लूँ ।।

इक ग़ज़ल कह दूँ तुम्हे कोई,
या तेरी आँखों को पढ़ लूँ ।।

कितने दफे मैंने है तुम्हे पुकारा,
हर शाम-ओ-सहर बन गयी है तू मेरा सहारा,
इस नदी के इस किनारे बैठा हूँ मैं,
कैसे खुद को तेरे किनारे के पार लगा लूँ,
इक ग़ज़ल कह दूँ तुम्हे कोई,
या तेरी आँखों को पढ़ लूँ ।।

वर्षों की लगन से मेरा इक ग़ज़ल है बनता,
तेरी हर अदा ने खुद में इक ग़ज़ल को है समेटा,
कहूँ तुझसे भी तो क्या? मेरे चश्म-ओ-चिराग है खाली,
आ उनमे तेरी हर इक ग़ज़ल मैं बसा लूँ,
इक ग़ज़ल कह दूँ तुम्हे कोई,
या तेरी आँखों को पढ़ लूँ ।।

Sunday, May 8, 2016

चंद लम्हों के दरमियाँ, ये क्या हो गया

चंद लम्हों के दरमियाँ, ये क्या हो गया,
दीवाना हूँ तेरा हर ज़र्रे को खबर हो गया,
कल तक खामोश था, बाते लिए दिल के दरमियाँ,
आज एक फ़साने से वो अफ़साना हो गया ।।

चंद लम्हों के दरमियाँ, ये क्या हो गया,
दीवाना हूँ तेरा हर ज़र्रे को खबर हो गया ।।

इश्क़ मुझे उस पल भी था, बस समेटे था अपनी चाहतों को,
आज इज़हार क्या कर दिया, क़त्ल-ए-आम हो गया,
चंद लम्हों के दरमियाँ, ये क्या हो गया,
दीवाना हूँ तेरा हर ज़र्रे को खबर हो गया ।।

एतबार तू ना कर ऐ सनम, मेरी वफ़ाओं का
हम नहीं उन शोहरतों के क़ाबिल,
तू बस कह दे, है तुझे मुझसे मोहब्बत
ग़ुलाम-ए-ज़िन्दगी मैं तेरा हो गया,
चंद लम्हों के दरमियाँ, ये क्या हो गया,
दीवाना हूँ तेरा हर ज़र्रे को खबर हो गया ।।

चाहत तू है मेरी, पर हर ना के बाद लगती है अधूरी,
कह-कह कर तू है कितना ज़रूरी
मेरी जान मैं चकनाचुर हो गया,
चंद लम्हों के दरमियाँ, ये क्या हो गया,
दीवाना हूँ तेरा हर ज़र्रे को खबर हो गया ।।